शनिवार की संध्या को हाथ में इक साबुत सुपारी व ताँबे का सिक्का ले जाकर उस पेड़ को आमंत्रित कर आवें, जिस पेड़ पर चमगादड़ों का आवास हो। रविवार को सूर्योदय से पूर्व उस पेड़ की एक शाखा लाकर उसका एक टुकड़ा व्यापारिक आसन या गद्दी के नीचे रखें तथा उस वृक्ष का एक पत्ता सिर पर इस प्रकार धारण करें कि उस पर किसी व्यक्ति की दृष्टि न पड़े।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें