मंगलवार, 24 मई 2016

यदि आपके घर में पहली संतान के रूप में पुत्र रत्न का जन्म हुआ है तो उसके दाँत आने के बाद पहले दाँत गिरने के समय में विशेष ध्यान रखें। जब भी उसका दाँत गिरे तो उस दाँत को धरती पर गिरने से पहले ही हाथ में उठाकर किसी शुद्ध स्थान पर रख दें। अब जब भी कभी गुरुपुष्य आये अर्थात किसी गुरुवार को पुष्य नक्षत्र हो तो उस दाँत को सर्वप्रथम गंगाजल से शुद्ध करें। फिर अगरबत्ती दिखाकर चांदी की डिब्बी में रख दें। उस डिब्बी को सदैव अपने पास अथवा धन रखने के स्थान पर रख दें। माह में एक बार जिस नक्षत्र में बच्चे का जन्म हुआ हो उसी नक्षत्र में दाँत को पिछली बार की तरह शुद्ध कर अगरबत्ती दिखाकर सूर्यदेव के दर्शन करवा कर पुनः डिब्बी में रख दें। ऐसा प्रत्येक माह किया करें। आप स्वयं देखेंगे कि जिस स्थान पर दाँत रखा है ,वहां कभी धन की कमी नहीं आयेगी। यह उपाय तभी सिद्ध होता है जब आप दाँत को जमीन पर गिरने से पहले ही हाथ में ले लेंगे।


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