सोमवार, 26 सितंबर 2016

अगर आप रोज करें ये काम तो मिलेगी हर काम में सफलता






 जब भी किसी का कोई कार्य अच्छे से समपन्न नहीं होता तो सभी अपनी किस्मत को दोष देते है की हमारी किस्मत ख़राब है या ये हमारी किस्मत में नहीं था| आज कौन है जो अपनी किस्मत सुधारना नहीं चाहता ताकि उसके सारे बिगड़े हुए काम बनने लगे| लोग कई तरह के पूजा और उपाय करते है पर हम आज आपको कुछ ऐसे घरेलु उपाए बताने जा रहे है जिनसे आप अपने घर पर ही रह कर कुछ ही दिनों में अपनी किस्मत अच्छी कर सकते है|

कुछ छोटी-छोटी बातें हमारे रोजाना के जीवन में संस्कार के रूप में भी शामिल होनी चाहिए। ये उपाय टोटके नहीं  बल्कि बुजुर्गों के अनुभवों से प्राप्त उपयोगी परंपराओं का संकलन है। आइए जानते हैं कुछ ऐसी परंपराओं को जिनको मानने वालों के जीवन से हर तरह की परेशानियां खत्म होने लगती हैं-



1. भोजन ग्रहण करने की दिशा-

हम अपने घर के किसी भी  कोने में बैठ कर भोजन ग्रहण कर लेते है और कभी भी सही दिशा का ध्यान नहीं देते पर हिन्दू ग्रंथो में भोजन ग्रहण करने की सही दिशाएं बताई गई है|
 खाना हमेशा पूर्व या उत्तर दिशा की और मुंह करके खाये एवं भोजन गर्हण करने से पहले अपने इष्ट देव को याद करे एवं उनका नाम लेकर उन्हें भोजन करने का आग्रह करे तत्पश्चात आप स्वयं भोजन ग्रहण करें|



2. सोने का समय एवं तरीका-

हमारे सोने का समय एवं तरीका भी हमारे बेड लक का कारण होता है हम ऐसी ही कई छोटी- छोटी गलतियां करते है जो हमारे किस्मत पर प्रभाव डालती है और अच्छी  किस्मत भी बुरी में तब्दील हो जाती है |

जैसे ये छोटी-छोटी गलतियां करने से हमारी किस्मत बुरी हो जाती है वैसे ही हम इन कामो को अच्छे से करके किस्मत बदल सकते हैं जैसे की शाम के समय कभी न सोएं रोजाना सोने से पहले अपने इष्ट देव को जिंदगी देने के लिए धन्यवाद दें सुबह उठने के बाद बिना कुल्ला किये कुछ भी न खाये या पिएं|



3. घर से निकलना-

जैसा की हमारी हिन्दू संस्कृति ने हमे सिखाया है की हम जब भी कभी घर से बहार निकलते है तो हमेशा ही अपने बड़ो का आशीर्वाद लेते है वैसे ही जब भी किसी नए काम की शुरुआत के लिए घर से बहार निकलें तो अपनी मां एवं परिवार के सबसे बुजुर्ग व्यक्ति का आशीर्वाद जरूर ले माँ और बुजुर्गो का आशीर्वाद कभी खाली नहीं जाता आपका हर काम अच्छ हो जाता है|



4. घरेलु टोटके-

जैसे की हम सभी जानते है की किसी भी काम को करने के  लिए हम कुछ खास तरीके अपनाते है जिस से हमारे काम अच्छे   से समपन्न हो जाये या कुछ ऐसी चीजे करते है जैसे की धागा पहनना या कुछ खास वस्त्र पहनना वैसे ही कुछ कार्यो को समपन्न करने के लिए हम टोटको को उपयोग करते है|

बेड लक ( बुरी किस्मत) दूर करने के लिए काला  कुत्ते को तेल लगी रोटी एवं चीटियों को खाना खिलाएं| शास्त्रों में कहा गया है की इस से हर तरह का बेड लक दूर हो जाता है|



5. जूठन-

कुछ लोगो की आदत होती है की खाना खाने के बाद जूठे वर्तन बाद में धोने के लिए छोड़ दिए जाते है जो की एक बुरी आदत है| रात में खाने के बाद जूठे वर्तन तुरंत साफ करें एवं खाना जूठा न डालें| शास्त्रों में झूठन छोड़ना दरिद्ध्ता का कारण माना  गया है|

अगर आप इन ५ चीजों को अपने जीवन एवं दैनिक दिनचर्या में उतार लेते हैं तो आपकी बुरी किस्मत खुद व खुद सुधर जाएगी और आपके  हर काम अच्छे  होने लगेगा वो भी बिना कोई पूजा पाठ करवाए घर बैठे|

पीपल के पत्तों से वशीकरण में मिलेगी आपको सफलता जानिए यह अचूक उपाय




वशीकरण करने के लिए आप अमावस्या के दिन का इंतज़ार करे।  उस दिन आप को पीपल के पेड़ से दो  पत्ते तोड़ ले जो सूखे हुए हो।  आपको पत्ते पेड़ से तोड़ने होंगे नीचे पड़े हुए पत्तो को ना उठाये पूरी तरह सूखे पत्ते ना मिले तो जो पत्ते थोड़े पीले से हो जाते है उनको भी काम में लाया जा सकता है अब जो व्यक्ति आप से दूर हुआ होता है या फिर आपको किसी से कोई समस्या है तो पीपल के सूखे हुए पत्तो पर उनका नाम लिख दे आपको नाम दोनों पत्तों पर लिखना है  एक पत्ते पर नाम लिखने के लिए काजल का इस्तेमाल करे  जिस पत्ते पर काजल से नाम लिखा गया है उसको पीपल के पेड़ के पास रख दे। इस पत्ते को आपको उल्टा करके रखना है और उसके बाद आपको एक भारी पत्थर लेना है। भारी पत्थर को पत्ते के ऊपर रख दे। अब आपको दुसरे पत्ते पर जो नाम लिखना है उसे आपको सिन्दूर से लिखना है. दुसरे पत्ते को आपको अपने घर पे ही रखना है और उसे घर की छत पर उल्टा करके रखना है उसे भी एक भारी पत्थर से दबा दे. ऐसा करने के बाद जब पूर्णिमा का दिन आता है लगभग 15-16 दिन तक पीपल के पेड़ में पानी दे और साथ ही अपने चाहने वाले के आने की या फिर अपनी मनोकामना पूरी होने की प्रार्थना करे ऐसा करने से आपको निश्चित ही फायदा मिलेगा और आपकी मनोकामना जरुर पूरी होगी। आपका चाहने वाला आपको अवश्य ही मिल जायेगा जब आपका काम पूरा हो जाये तो आप दोनों पत्तो को एक साथ मिला कर किसी शुद्ध स्थान पर प्रवाह कर दे। 

रविवार, 25 सितंबर 2016

इलायाचियों से वशीकरण





एक और तरीका है ऐसी समस्या से मुक्ति पाने की. अगर आपके किसी चाहने वाले का आपके प्रति आकर्षण कम हो गया है या फिर अब वो आपको प्यार नहीं करता है तो भगवान् श्री कृष्ण का जाप करे और साथ ही तीन इलायाची लें. इन इलायाचियों को अपने शरीर से  लगाकर शुक्रवार के दिन छुपा दे. इसको इस तरह से छुपाया जा सकता है जैसे की साडी के पल्लू में या फिर रुमाल में भी छुपाया जा सकता है. इसके बाद अगले दिन यानि शनिवार को एक इलायची को पीस ले और अपने चाहने वाले या जिसको आप आकर्षित करना चाहते है उसको खिला दे. ऐसा लगातार तीन दिन करने से असर आपको दिखाई देने लगेगा.

अमावस्या की रात के टोटके जो एक ही रात में आपका भाग्य बदल सकते हैं


अमावस्या की रात को जब आसमान में चन्द्रमा नहीं होता है और चारों ओर घना अँधेरा होता है।  वह रात तांत्रिक और टोटकों के लिए काफी उत्तम बताई जाती है।  इस रात को कुछ ख़ास कार्य करने से विशेष लाभ प्राप्त होता है। 

यहाँ बताये जा रहे है अमावस्या की रात के टोटके जो एक ही रात में आपका भाग्य बदल सकते हैं-

1. अमावस्या की रात उस व्यक्ति के लिए काफी लाभदायक साबित हो सकती है।  जिसे काल सर्प दोष है। आप किसी अच्छे पंडित से इस दिन घर में अपने लिए हवन करवायें और शिव की पूजा करें। 

2. किसी कुएं में अगर आप हर अमावस्या को एक चम्मच दूध डालते रहते हैं तो इससे आपके जीवन में सभी दुःख खत्म होने लगते हैं। 
3. यदि आपकी किस्मत में धन नहीं आ पा रहा है तो आप अमावस्या की रात एक पानी का नारियल लीजिये और उसके पांच बराबर टुकड़े कर लीजिये।  इन टुकड़ों को शिव की किसी तस्वीर के सामने शाम के समय रख दीजिये और अपनी समस्या शिव को बतायें।  ध्यान रहे इस उपाय से किसी का बुरा करने की बिलकुल ना सोचें और रात के समय इन नारियल को खिड़की पर रख दें।  सुबह उठते ही इन नारियल को घर से दूर कहीं रख आयें।  आपको धन संबंधी लाभ मिलेगा। 

4. महीने की शुरुआत में आप एक लाल धागा अपने गले में पहन लें।  ध्यान रहे कि इसमें कोई भी ताबीज ना हो।  इस धागे को महीनेभर गले में रखें और अमावस्या की रात के समय कहीं सुनसान जगह पर एक गड्ढा खोदकर दबा दें।  आपकी सारी परेशानी दूर होने लगेंगी ऐसा हर माह करें। 
5. अमावस्या की रात को आप अगर  काले कुत्ते को तेल की रोटी खिलाते हैं और वह कुत्ता उसी समय यह रोटी खा लेता है तो इससे आपके सभी दुश्मन उसी समय से शांत होना शुरू हो जाते हैं। 
6. आप अगर काफी दिनों से बेरोजगार हैं तो अमावस्या की रात को एक उपाय कीजिये कि एक नीम्बू को सुबह से घर के मंदिर में साफ करके रख दें।  इसके बाद इसे अपने सर से सात बार उतार कर चार बराबर भागों में काट लें और रात के समय चौराहे पर जाकर चारों दिशाओं में इसको फ़ेंक दें आपकी बेरोजगारी दूर होगी
7. अमावस्या के दिन आप मछलियों को आटे की गोलियां जरूर खिलायें इससे आपके कष्ट खत्म होने लगेंगे। 
8. अमावस्या की रात को बहते नदी के पानी में पांच लाल फूल और पांच जलते हुए दिए छोड़ने से धन का लाभ प्राप्त होता है। 
9. अगर आप अमावस्या की रात को मंदिर बंद करने से पहले एक घी का दीया जलायें और पांच अगरबती जलाएं।  आपको लाभ मिलेगा। 

अमावस्या की रात के इन टोटकों का लाभ जरूर उठायें लेकिन ध्यान रहे कि अमावस्या की रात एक खास उद्देश्य के लिए होती है और इस रात को किसी अनजान व्यक्ति को काले जादू का उपयोग नहीं करना चाहिए और काले जादू व टोटकों में काफी अंतर होता है। 

शनिवार, 24 सितंबर 2016

मनोकामना पूर्ण होगी यदि करें यह अचूक उपाय

  

किसी शुक्रवार की रात 10 बजे के बाद अपने सामने चौकी पर एक कलश रखें। कलश के ऊपर शुद्ध केसर से स्वस्तिक का चिह्न बनाकर उसमें पानी भर दें। इसके बाद उसमें चावल, दूर्वा और एक रूपया डाल दें। फिर एक छोटी सी प्लेट में चावल भरकर उसे कलश के ऊपर रखें। उसके ऊपर श्रीयंत्र स्थापित कर दें। इसके बाद उसके निकट चौमुखी दीपक जलाकर उसका कुंकुम और चावल से पूजन करें। इसके बाद 10 मिनट तक लक्ष्मी का ध्यान करें। आपकी मनोकामना अवश्य पूरी होगी।

नवरात्र विशेष-जानिए क्या करने से होगा आपको धन लाभ और कैसे होगी धन हानि




नवरात्रि में पूजा के समय प्रतिदिन माता को शहद एवं इत्र चढ़ाना कतई भी न भूलें। नौ दिन के बाद जो भी शहद और इत्र बच जाएं उसे प्रतिदिन माता का स्मरण करते हुए खुद इस्तेमाल करें। मां की आप पर सदैव कृपा द्रष्टि बनी रहेगी।
पहले नवरात्र में एक लाल कपड़े में ग्यारह कौड़ियां और तीन गोमती चक्र रख कर माता के पूजन के साथ उस पर हल्दी से तिलक करके उसे पूजा घर में रख दें। नवमी को हवन करने कन्याओं का पूजन करने के बाद इन्हें उसी लाल कपड़े में बांधकर घर की रसोई में ऊंचाई पर बांध दें। आपके घर पर सदैव मां लक्ष्मी का वास रहेगा।
नवरात्र में माता दुर्गा को शहद का भोग लगाने से भक्तों को सुंदर रूप प्राप्त होता है और व्यक्तित्व में तेज प्रकट होता है। नवरात्रि को मां दुर्गा के साथ हनुमानजी व भैरव की पूजा विशेष फलदायी है। इस दिन जो भी भक्त हनुमान चालीसा का पाठ करता है या सुंदरकांड का पाठ करता तो उसे शनिदेव भी नहीं सताते हैं। नवरात्रि के प्रत्येक मंगलवार, शनिवार को बजरंग बली को सिंदूर और चमेली का तेल अवश्य ही अर्पित करें।
नवरात्र के शनिवार को सूर्योदय के पहले पीपल के ग्यारह पत्ते लेकर उन पर राम नाम लिख कर इन पत्तों की माला बनाकर इसे हनुमानजी को पहना दें। इससे कारोबार की सभी परेशानियां दूर होती हैं  यह प्रयोग बिलकुल मौन रहकर करें।
नवरात्रि में दिल खोलकर आप अपनी श्रद्धा और सामर्थ्य के अनुसार दान पुण्य करें। इन दिनों आपके द्वारा दान पुण्य करने से उसका अक्षय फल प्राप्त होता ह। आप प्रतिदिन छोटी कन्याओं को कोई न कोई उपहार अवश्य ही दें। अपने माता पिता, बहन-भाई और पत्नी को भी कोई न कोई उपहार देकर चकित जरूर करते रहें, गरीब और असहाय की मदद करने का मौका तो बिलकुल भी न गवाएं। यकीन मानिये उन सभी के मुख से आपके लिए शुभ वचन निकलते ही रहेंगे।
आपने माता का आह्वान किया है उन्हें अपने घर में बुलाया है इसलिए सुबह शाम जो भी घर में भोजन बनायें सबसे पहले उसका देवी मां को भोग लगायें उसके बाद ही घर के सदस्य उसका सेवन करें याद रहे माता या किसी भी मेहमान को भूखा न रखें।
नवरात्र में आप अनावश्यक व्यय से बचें लेकिन यदि संभव हो तो इन दिनों सोने चांदी के गहने, कपड़े, बर्तन आदि कुछ न कुछ नया सामान अपनी सामर्थ्य के अनुसार अवश्य ही खरीदें तथा इसे उपयोग में लाने से पहले माता के चरणों में लगायें। इससे घर में सुख सौभाग्य आता है और स्थाई संपत्ति का वास होता है।
घर के छोटे बच्चों विधार्थियों से माता दुर्गा को केले का भोग लगवाएं फिर उनमे से कुछ केले दान में दे दें एवं बाकी केलो को प्रसाद के रूप में घर के लोग ग्रहण करें इससे बच्चों की बुद्धि का विकास होता है। नवरात्र में प्रात: श्रीरामरक्षा स्तोत्र का पाठ करने से हर कार्य सफल होते है, कार्यों के मार्ग में आने वाली समस्त विघ्न बाधाएं शांत होती हैं।
नवरात्र में दो जमुनिया रत्न लेकर उसे गंगा जल में डुबोकर घर के मंदिर में रखे फिर हर शनिवार को माता दुर्गा का स्मरण करते हुए उस जल को पूरे घर में छिड़क दें, घर के सदस्यों के बीच में प्रेम बड़ने लगेगा। इसके बाद पुन: इन रत्नों को गंगा जल में डुबोकर मंदिर में रख दें । इस प्रयोग को नवरात्र से ही शुरू करें तो अति उत्तम है।
नवरात्र में एक नए झाड़ू की दो सीकों को उल्टा सीधा रखकर नीले धागे से बांधकर घर के नैत्रत्य कोण (दक्षिण पश्चिम हिस्सा ) में रखने से पति पत्नी के मध्य प्यार बढ़ता है।
नवरात्र में आप किसी को भी यथा संभव उधार देने से बचे और उधार भी तो बिलकुल भी न लें। याद रखिए आप माता की आराधना सुख सम्पन्नता और सफलता के लिए कर रहे है इसलिए आप किसी भी दशा में किसी का एक भी पैसा न हड़पें  किसी के भी साथ धोखा ना करें  माता की सच्ची आराधना आपको आर्थिक रूप से अवश्य ही सक्षम बनाएगी ।

नवरात्रों के नौ दिन करें यह उपाय आपको होगा धन लाभ




नवरात्रों में एक पीपल के पत्ते पर राम का नाम लिखें तथा साथ में कुछ मीठा रखकर हनुमानजी की प्रतिमा के आगे अर्पण करें। यह उपाय लगातार नौ दिन करना है। जल्दी ही धन लाभ होगा।
 नवरात्रि में किसी भी दिन भगवान शिव को सुबह स्नान करने के बाद विधिवत पूजा-अर्चना कर चावल तथा बेलपत्र चढ़ाएं। जल्दी ही धन आना शुरू हो जाएगा।


शुक्रवार, 23 सितंबर 2016

नवरात्रि में देवी को विभिन्न प्रकार के भोग द्वारा कैसे करे प्रसन्न


नवरात्रि में हर दिन देवी के भिन्न रूप की पूजा की जाती है। इन नौ दिनों में विविध प्रकार की पूजा से माता को प्रसन्न किया जाता है। नवरात्रि में देवी को विभिन्न प्रकार के भोग लगाए जाते हैं।
शास्त्रों के अनुसार प्रतिपदा से लेकर नौ तिथियों में देवी को विशिष्ट भोग अर्पित करने तथा ये ही भोग गरीबों को दान करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं व साधक को धन की कभी कमी नहीं होती। यदि आप भी इस मौके का लाभ उठाना चाहते हैं  तो जानिए नवरात्रि में किस तिथि पर देवी मां को किस चीज का भोग लगाएं-
प्रतिपदा - को माता को घी का भोग लगाएं तथा उसका दान करें। इससे रोगी को कष्टों से मुक्ति मिलती है तथा वह निरोगी होता है।
द्वितीया = को माता को शक्कर का भोग लगाएं तथा उसका दान करें। इससे साधक को दीर्घायु प्राप्त होती है।
तृतीया -को माता को दूध चढ़ाएं तथा इसका दान करें। ऐसा करने से सभी प्रकार के दु:खों से मुक्ति मिलती है।
चतुर्थी= को मालपूआ चढ़ाकर दान करें। इससे सभी प्रकार की समस्याएं स्वत: ही समाप्त हो जाती हैं।
पंचमी तिथि = को माता दुर्गा को केले का भोग लगाएं व गरीबों को केले का दान करें। इससे आपके परिवार में सुख-शांति रहेगी।
षष्ठी तिथि= के दिन माता दुर्गा को शहद का भोग लगाएं व इसका दान भी करें। इस उपाय से गरीब भी मालामाल हो जाता है।
सप्तमी- को माता को गुड़ की वस्तुओं का भोग लगाएं तथा दान भी करें। इससे दरिद्रता का नाश होता है।
अष्टमी = को नारियल का भोग लगाएं तथा नारियल का दान भी करें। इससे सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।
नवमी = को माता को विभिन्न प्रकार के अनाजों का भोग लगाएं व यथाशक्ति गरीबों में दान करें। इससे लोक-परलोक में आनंद व वैभव मिलता है।

यह सिद्ध मन्त्र दिलाता है आपसी सम्बन्धो (पति पत्नी )में मधुरता


यदि पति-पत्नी के बीच आपसी संबंध अच्छे न हो तो नवरात्रि में इस प्रयोग को करें। नवरात्रि के किसी भी दिन स्नान आदि कर निम्नलिखित मंत्र को पढ़ते हुए 108 बार अग्नि में घी से आहुतियां दें। इससे यह मंत्र सिद्ध हो जाएगा। इसके बाद रोजाना नित्य सुबह उठकर पूजा के समय इस मंत्र का 21 बार जप अवश्य करें। यदि संभव हो तो अपने जीवनसाथी से भी इस मंत्र का जप करने के लिए कहें। इससे जीवन भर आप दोनों के बीच मधुर संबंध बने रहेंगे।
मंत्र
सब नर करहिं परस्पर प्रीति। चलहिं स्वधर्म निरत श्रुति नीति।

नवरात्रि में ९ दीपक कैसे करेंगे आपकी मनोकामनाओ की पूर्ति




नवरात्रि के दौरान आने वाले किसी भी सोमवार की सुबह किसी शिव मंदिर में जाएं। वहां शिवलिंग पर दूध, दही, घी, शहद और शक्कर चढ़ाते हुए उसे अच्छी तरह से स्नान कराएं। तत्पश्चात शुद्ध जल चढ़ाएं व पूरे मंदिर में झाड़ू लगाकर उसे साफ करें। अब महादेवजी की चंदन, पुष्प एवं धूप, दीप आदि से पूजा-अर्चना करें। उसी दिन रात 10 बजे के बाद अग्नि प्रज्वलित कर "ऊँ नम: शिवाय" मंत्र का उच्चारण करते हुए घी से 108 आहुति दें।
अब 40 दिनों तक नित्य इसी मंत्र का पांच माला जाप भगवान शिव के सम्मुख करें। इससे आपकी मनोकामना बहुत जल्दी पूर्ण होगी और आपकी मनपसंद लड़की से शादी होगी।

नवरात्रि के दौरान किसी भी दिन एक शांत कमरे में उत्तर दिशा की ओर मुख करके पीले आसन पर बैठ जाएं। अपने सामने तेल के 9 दीपक जला लें। ये दीपक साधनाकाल तक जलते रहने चाहिए। इन नौ दीपकों के सामने लाल चावल की एक ढेरी बनाकर उस पर एक श्रीयंत्र रख लें।
इस श्रीयंत्र का कुंकुम, फूल, धूप, तथा दीप से पूजन करें। इस पूरी क्रिया के बाद एक प्लेट पर स्वस्तिक बनाकर उसका पूजन करें। अब इस श्रीयंत्र को अपने घर के पूजा स्थल में स्थापित कर दें तथा शेष सामग्री को नदी में प्रवाहित कर दें। इस प्रयोग से आपको जल्दी ही अचानक धन लाभ होगा।

बुधवार, 21 सितंबर 2016

आपकी किस्मत बदल सकती है यदि करें शनिवार को यह अचूक उपाय




धन की समस्या दूर करने के लिए हर शनिवार को  काले तिल, काली उड़द को काले कपड़े में बांधकर किसी भी गरीब व्यक्ति को दान करें। इस उपाय से पैसों से जुड़ी समस्याएं दूर हो सकती हैं।

धनहानि रोकने हेतु :  मुठ्ठी भर काले तिल को परिवार के सभी सदस्यों के सिर पर से  सात बार उसारकर घर के उत्तर दिशा में फेंक दें  धनहानि बंद होगी।

काले तिल से प्राप्त होगी कठिन से कठिन कार्य में पूर्ण सफलता




सभी कार्य में सफलता के लिए आप अपने हाथ में एक मुट्ठी काले तिल लेकर घर से निकलें। मार्ग में जहां भी कुत्ता दिखाई दे उस कुत्ते के सामने वह तिल डाल दें और आगे  बढ़ जाए। यदि वह काले तिल कुत्ता खाता हुआ दिखाई दे तो यह समझना चाहिए कि कैसा भी कठिन कार्य क्यों न हो  उसमें सफलता प्राप्त होगी। 

गणेशजी का प्रिय मयूरेश स्तोत्र



तुरंत असरकारी हैं। गणेशजी का प्रिय मयूरेश स्तोत्र
भगवान गणेश शास्त्रों में प्रथम पूज्य माने गए हैं। जीवन के किसी भी क्षेत्र में सफलता के लिए गणपति जी को सबसे पहले याद किया जाता है। 

परिवार की सुख-शांति, समृद्धि और चारों ओर प्रगति, चिंता व रोग निवारण के लिए गणेशजी का मयूरेश स्तोत्र सिद्ध एवं तुरंत असरकारी माना गया है। राजा इंद्र ने भी इसी मयुरेश स्तोत्र से गणेशजी को प्रसन्न कर विघ्नों पर विजय प्राप्त की थी - 
विधि : 
* सबसे पहले स्वयं शुद्ध होकर स्वच्छ वस्त्र पहने। 

* यदि पूजा में कोई ‍विशिष्‍ट उपलब्धि की आशा हो तो लाल वस्त्र एवं लाल चंदन का प्रयोग करें। 

* पूजा सिर्फ मन की शांति‍ और संतान की प्रगति के लिए हो तो सफेद या पीले वस्त्र धारण करें। सफेद चंदन का प्रयोग करें। 

* पूर्व की तरफ मुंह कर आसन पर बैठें। 

* ॐ गं गणपतये नम: के साथ गणेशजी की प्रतिमा स्थापित करें।

* निम्न मंत्र द्वारा गणेशजी का ध्यान करें। 

'खर्वं स्थूलतनुं गजेंन्द्रवदनं लंबोदरं सुंदरं 
प्रस्यन्दन्मधुगंधलुब्धमधुपव्यालोलगण्डस्थलम्
दंताघात विदारितारिरूधिरै: सिंदूर शोभाकरं 
वंदे शैलसुतासुतं गणपतिं सिद्धिप्रदं कामदम।'

- फिर गणेशजी के 12 नामों का पाठ करें। 

- किसी भी अथर्वशीर्ष की पुस्तक में 12 नामों वाला मंत्र आसानी से मिल जाएगा। (12 नाम हिंदी में भी स्मरण कर सकते हैं) 
आपकी सुविधा के लिए मंत्र - 

'सुमुखश्चैकदंतश्च कपिलो गजकर्णक: 
लंबोदरश्‍च विकटो विघ्ननाशो विनायक : 
धूम्रकेतुर्गणाध्यक्षो भालचंद्रो गजानन: 
द्वादशैतानि नामानि य: पठेच्छृणयादपि 
विद्यारंभे विवाहे च प्रवेशे निर्गमें तथा संग्रामेसंकटेश्चैव विघ्नस्तस्य न जायते' 
गणेश आराधना के लिए 16 उपचार माने गए हैं। 

1. आवाहन 2. आसन 3. पाद्य (भगवान का स्नान‍ किया हुआ जल) 4. अर्घ्य 5. आचमनीय 6. स्नान 7. वस्त्र 8. यज्ञोपवित 9 . गंध 10. पुष्प (दुर्वा) 11. धूप 12. दीप 13. नेवैद्य 14. तांबूल (पान) 15. प्रदक्षिणा 16. पुष्‍पांजलि  
मयूरेश स्त्रोतम् ब्रह्ममोवाच 

'पुराण पुरुषं देवं नाना क्रीड़ाकरं मुदाम। 
मायाविनं दुर्विभाव्यं मयूरेशं नमाम्यहम् ।। 
परात्परं चिदानंद निर्विकारं ह्रदि स्थितम् ।
गुणातीतं गुणमयं मयूरेशं नमाम्यहम्।। 
सृजन्तं पालयन्तं च संहरन्तं निजेच्छया। 
सर्वविघ्नहरं देवं मयूरेशं नमाम्यहम्।। 
नानादैव्या निहन्तारं नानारूपाणि विभ्रतम। 
नानायुधधरं भवत्वा मयूरेशं नमाम्यहम्।। 
सर्वशक्तिमयं देवं सर्वरूपधरे विभुम्। 
सर्वविद्याप्रवक्तारं मयूरेशं नमाम्यहम्।। 
पार्वतीनंदनं शम्भोरानन्दपरिवर्धनम्। 
भक्तानन्दाकरं नित्यं मयूरेशं नमाम्यहम्। 
मुनिध्येयं मुनिनुतं मुनिकामप्रपूरकम। 
समष्टिव्यष्टि रूपं त्वां मयूरेशं नमाम्यहम्।। 
सर्वज्ञाननिहन्तारं सर्वज्ञानकरं शुचिम्। 
सत्यज्ञानमयं सत्यं मयूरेशं नमाम्यहम्।। 
अनेककोटिब्रह्मांण्ड नायकं जगदीश्वरम्। 
अनंत विभवं विष्णुं मयूरेशं नमाम्यहम्।। 
मयूरेश उवाच 
इदं ब्रह्मकरं स्तोत्रं सर्व पापप्रनाशनम्। 
सर्वकामप्रदं नृणां सर्वोपद्रवनाशनम्।। 
कारागृह गतानां च मोचनं दिनसप्तकात्। 
आधिव्याधिहरं चैव मुक्तिमुक्तिप्रदं शुभम्।। 
गणपति‍ आराधना में रखी जाने वाली सावधानियां 

* गणेश या किसी भी देवता को पवित्र फूल ही चढ़ाया जाना चाहिए। 

* जो फूल बासी हो, अधखिला हो, कीड़ेयुक्त हो वह गणेशजी को कतई ना चढ़ाएं। 

* गणेशजी को तुलसी पत्र नहीं चढ़ाया जाता। 

* दुर्वा से गणेश देवता पर जल चढ़ाना पाप माना जाता है।

व्यापार लाभ के लिए करें यह सरल उपाय

 

कारोबार में लगातार घाटा हो रहा हो तो गुरुवार के दिन एक नारियल सवा मीटर पीले वस्त्र में लपेटकर एक जोड़ा जनेऊ, सवा पाव मिष्ठान्न के साथ आस-पास के किसी भी विष्णु मंदिर में अपने संकल्प के साथ चढ़ा दें। तत्काल ही व्यापार चल निकलेगा।

सोमवार, 19 सितंबर 2016

जानिए किस दिशा में रखा आईना बदल सकता है आपकी किस्मत



आईना व्यक्ति के जीवन का एक अहम ह‌िस्सा है। लोग आईने में खुद को निहारते है और खुद को संवारते हैं। आईने का वास्तु की दृष्टि में भी महत्व है। वास्तु के अनुसार आईना सकारात्मक और नकारात्मक उर्जा में अंतर किए बिना जैसी ऊर्जा आती है  उसे उसी प्रकार वापिस कर देता है। वास्तु व‌िज्ञान का कहना है कि आईना चेहरा संवारने की जगह कई बार क‌िस्मत भी ब‌िगाड़ता है क्योंकि आईने से संबंधित गलतियां होने पर स्वास्‍थ्‍य, धन और उन्नत‌ि में बाधा उत्पन्न होती हैं इसलिए इन बातों का ध्यान रखें------
1- बेडरुम में आईना नहीं रखना चाहिए यदि रखना भी हो तो ऐसे स्थान पर रखें जहां पर उसमें सुबह उठने पर आपकी शक्ल न दिखाई दें अर्थात आईने में बिस्तर का दिखाई देना शुभ नहीं होता।
2- घर में टूटा हुआ आईना नहीं रखना चाहिए। इस प्रकार के दर्पण से जो रोशनी वापिस आती है, वह घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह करती है। जिससे पारिवारिक सदस्यों के मध्य दूरियां आती हैं।  इस प्रकार के आईने में चेहरा न देखें क्योंकि ऐसा करने से स्वास्‍थ्य प्रभावित होता है।
3- घर में आईने को उत्तर, पूर्व और उत्तर पूर्व द‌िशा में रखना शुभ माना जाता है। जिससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है।
4- वास्तु व‌िज्ञान के अनुसार गोल आकार का आईना शुभ नहीं होता परंतु आयताकार और वर्गाकार दर्पण का प्रयोग करना अच्छा होता है।
5- घर में दक्ष‌‌िण या पश्‍च‌िम द‌िशा में आईने को न रखें क्योंकि इन दिशाओ में दर्पण रखने से कष्टों का आगमन होता है।
6- आईने पर धूल-मिट्टी नहीं जमनी चाहिए। घर के बेसमेंट या दक्ष‌िण पश्च‌िम (नैऋत्य कोण) दिशा में स्नानघर ओर शौचालय बना है तो वर्गाकार आईना पूर्वी दीवार पर लगाने से वास्तु दोष दूर होता है।

बुधवार, 14 सितंबर 2016

सात शनिवार क्या करें की बदल जाये आपकी किस्मत


घर के मुख्य द्वार पर सरसों के तेल का दीप जलायें। दीपक बुझने पर बचे हुये तेल को पीपल के पेड़ पर शाम होने पर  चढ़ा दें। 7 शनिवार ऐसा करने से धन की कमी नहीं रहेगी।

मंगलवार, 13 सितंबर 2016

एक चुटकी नमक ही काफी है दुर्भग्य को सौभाग्य में बदलने के लिए


घर में नमक को हमेशा कांच के जार में रखें और जार में एक लोग भी डाल दे ऐसा करने से सोने पे सुहागा हो जायेगा। इससे आप के घर में सुख -सम्रद्धि तो रहेगी ही साथ में पैसों की कभी कमी महसूस नही होने देगा।

कौन सी माला पहनने से आपको मिलेगा यश ,सम्मान ,वैभव व भौतिक सम्रद्धि के लाभ


नव रत्न की माला को धारण करने से अनेक लाभ है।  जैसे - यश ,सम्मान ,भौतिक सम्रद्धि में लाभ के अलावा कफ रोग ,ज्वर रोग आदि रोगों में भी लाभ मिलता है।

चाँदी की कटोरी में क्या रखकर जलाने से आप का घर धन -धान्य से हमेशा भरा रहेगा



रात्रि काल के समय रसोई समेटने के बाद चाँदी की कटोरी में लौंग तथा कपूर जला दिया करें। यह कार्य प्रतिदिन करेंगे तो आप का घर कभी धन से खाली नही रहेगा।

अखंड लक्ष्मी की प्राप्ति के लिए करें यह उपाय



रोज शिवलिंग पर जल व चावल चढ़ाने से माँ लक्ष्मी की कृपा सदा बनी रहती है। और जीवन में कभी धन का अभाव नही रहता है।


सोमवार, 12 सितंबर 2016

‘चमत्कारी शिव मंत्र व उपाय’

 


 शिव भक्ति से लक्ष्मी जी भी प्रसन्न होती है। इसके लिए शिव उपासना के कुछ सरल उपाय बताए गए हैं। ये छोटे-छोटे उपाय शिव उपासना के खास दिन जैसे सोमवार आदि पर करना धन की कमी और दरिद्रता को दूर करने में असरदार माने गए हैं।
– सुबह स्नान कर शिवलिंग पर गंगाजल की धारा अर्पित कर गंध, चंदन लगाएं।
– बाद धन लाभ की कामना से खासतौर पर शिवलिंग पर चावल चढ़ाएं। यह चावल बिना टूटे होना चाहिए।
– शिव को यह चावल चढ़ाने के लिए शिवलिंग या शिव प्रतिमा पर पहले वस्त्र चढ़ाकर उस पर नीचे लिखा वैदिक मंत्र बोल पूरी आस्था और श्रद्धा के साथ चावल समर्पित करें –
नम: शम्भवाय च मयोभवाय च
नम: शंकराय च मयस्कराय च
नम: शिवाय च शिवतराय च ।।
– इसके बाद शिव पर गंध, फूल, शिव को प्रिय धतूरा, नारियल और बिल्वपत्र चढ़ाएं। नैवेद्य लगाकर शिव आरती करें और सुख-संपत्ति की प्रार्थना करें।

२१ दिन तक करें गुड़-चने का उपाय जिससे बनने लगेंगे सभी बिगड़े काम





हनुमानजी की कृपा जिस पर भी होती है, उसकी हर मनोकामना पूरी हो जाती है।  २१ दिन तक किये जाने वाला गुड-चने का एक अचूक उपाय अनुभव सिद्ध है यानी इसका लाभ कई लोग ले चुके हैं। इस उपाय को करते समय कई बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। जैसे-यह उपाय किसी भी महीने के शुक्ल पक्ष के मंगलवार से शुरू कर सकते हैं परंतु इस बात का विशेष ध्यान रखें कि उस दिन चतुर्थी, नवमी व चतुर्दशी तिथि नहीं होना चाहिए।मृत्यु सूतक या जन्म सूतक के दौरान भी यह उपाय शुरू नहीं करना चाहिए। यदि उपाय के दौरान ऐसा कोई संयोग आ जाए तो किसी विद्वान ब्राह्मण के द्वारा ये उपाय पूर्ण करवाना चाहिए  बीच में नहीं छोड़ना चाहिए।पुरुषों के अलावा वो महिलाएं भी यह उपाय कर सकती हैं जिनका प्रौढ़ावस्था के बाद प्राकृतिक रूप से मासिक धर्म सदा के लिए बंद हो चुका हो।उपाय के दौरान क्षौर कर्म (दाढ़ी बनवाना, नाखून काटना आदि) नहीं करना चाहिए। ब्रह्मचर्य का पालन करते हुए सात्विक आहार ही ग्रहण करना चाहिए। एक ही समय भोजन करें तो अति उत्तम रहेगा।इस प्रकार करें उपाय-----उपाय प्रारंभ करने के लिए जिस मंगलवार का चयन करें उसके पहले दिन सोमवार को सवा पाव अच्छा गुड़ थोड़े से भूने चने और सवा पाव गाय के शुद्ध घी का प्रबंध कर लें। गुड़ के छोटे-छोटे २१ टुकड़े कर लें। साफ रूई लेकर इसकी २२ फूल बत्तियां बनाकर घी में भिगो दें। इन सभी वस्तुओं को अलग-अलग साफ बर्तनों में लेकर किसी स्वच्छ स्थान पर रख दें। साथ ही माचिस और एक छोटा बर्तन जिसमें रोज ये वस्तुएं आसानी से ले जाई जा सकें भी रख दें।यह उपाय करने के लिए अब हनुमानजी के किसी ऐसे मंदिर का चयन करें जहां अधिक भीड़ न आती हो और जो एकांत में हो।जिस मंगलवार से उपाय शुरू करना हो उस दिन ब्रह्म मुहूर्त से पहले उठ जाएं और स्नान आदि कर स्वच्छ वस्त्र पहन लें। माथे पर रोली या चंदन का तिलक लगाएं। इसके बाद एक साफ बर्तन में एक गुड़ की डली ११ चने एक घी की बत्ती और माचिस लेकर साफ कपड़े से इस ढंक लें। अब नंगे पैर ही हनुमानजी के मंदिर की ओर जाएं। घर से निकलने से लेकर रास्ते में या मंदिर में किसी से कोई बात न करें और न ही पीछे पलटकर या इधर-उधर देखें।मंदिर पहुंचने के बाद हनुमानजी की मूर्ति के सामने मौन धारण किए हुए ही सबसे पहले घी की बत्ती जलाएं। इसके बाद ११ चने और एक गुड़ की डली हनुमानजी के सामने रखकर साष्टांग प्रणाम कर अपनी मनोकामना की पूर्ति के लिए मन ही मन श्रद्धा व विश्वास से प्रार्थना करें फिर श्री हनुमान चालीसा का पाठ भी मौन रहकर ही करें।अब मंदिर से जाने से लेकर घर पहुंचने तक न तो पीछे पलटकर या इधर-उधर देखें और न ही किसी से बात करें। घर पहुंचने के बाद यह पूरी सामग्री उचित स्थान रखकर ७ बार राम-राम बोलकर ही अपना मौन भंग करें। रात में सोने से पहले ११ बार श्री हनुमान चालीसा का पाठ करें व अपनी मनोकामना सिद्धि के लिए प्रार्थना करें।यह प्रक्रिया लगातार २१ दिन तक करें।२२वे दिन मंगलवार को सुबह स्नान आदि करने के बाद सवा किलो आटे का एक रोट बनाकर गाय के गोबर से बने उपले में इसे पका लें। अब इसमें आवश्यकतानुसार गाय का शुद्ध घी और गुड़ मिलाकर उसका चूरमा बना लें। २१ डलियों के बाद जो गुड़ बचा हो उसे भी चूरमे में मिला दें।इस चूरमे को थाली में रखकर बचे हुए सारे चने व २२वीं अंतिम बत्ती लेकर प्रतिदिन की तरह ही मौन धारण कर बिना आगे-पीछे देखे मंदिर जाएं। फिर हनुमानजी की मूर्ति के सामने बत्ती जलाकर चने एवं चूरमे का भोग लगाएं। अब एक छोटे से बर्तन में थोड़ा से चूरमा लेकर हनुमानजी के सामने रख दें और शेष अपने साथ ले आएं। घर पहुंचने के बाद ही मौन भंग करें।जो भी यह प्रयोग करे वह उस दिन दोनों समय सिर्फ उसी चूरमे का भोजन ग्रहण करे। शेष चूरमे को प्रसाद के रूप में बांट दें। यह उपाय विधि पूर्वक करने से श्रीहनुमानजी की कृपा से साधक की हर मनोकामना पूरी होने के योग बनने लगते हैं।


रविवार, 11 सितंबर 2016

दरिद्रता दूर करने के सरल उपाय जिनकों करने से फल अवश्य प्राप्त होगा




दरिद्रता दूर करने के उपाय-----


प्रत्येक गुरूवार को तुलसी के पौधे में दूध अर्पित करने से आर्थिक संपन्नता में वृद्धि होती है। 

शुक्लपक्ष की पंचमी को घर में श्रीसूक्त की ऋचाओं के साथ आहुति देने से भी दरिद्रता दूर होती है। 

भोजन करने से पहले गाय, कुत्ते या कौवे के लिए एक रोटी निकाल दें।  ऐसा करने से आपको कभी भी आर्थिक समस्याओं का सामना नहीं करना पडेगा। 

महीने के पहले बुधवार को रात में कच्ची हल्दी की गांठ बांधकर भगवान कृष्ण को अर्पित करें।  अगले दिन उसे पीले धागे में बांधकर अपनी दाहिनी भुजा में बांध लें। 

गूलर की जड़ को कपड़े में लपेटकर, चांदी के कवच में डाल के गले में पहनने से भी आर्थिक संपन्नता आती है। 

अपनी तिजोरी में 9 लक्ष्मीकारक कौड़ियां और एक तांबे का सिक्का रखने से आपकी तिजोरी में धन हमेशा भरा रहेगा। 

नियमित रूप से केले के पेड़ में जल अर्पित करने और घी का दीपक जलाने से दरिद्रता दूर होती है। 

शनिवार को अपने पलंग के नीचे एक बर्तन में सरसों का तेल रखें. अगले दिन उस तेल में उड़द की दाल के गुलगुले बनाकर कुत्तों और गरीबों को खिलाने से गरीबी दूर होती है और लक्ष्मी का आगमन होता है. ये उपाय श्रद्धापूवक करने पर आपको कुछ ही समय में इसके अच्छे परिणाम मिलने लग जाएंगे। 

शनिवार, 10 सितंबर 2016

फिटकरी द्वारा धन प्राप्ति का सबसे सरल उपाय जो बना दे आपको मालामाल




धन प्राप्ति के लिए  रोज रात को सोते समय अपने दांत फिटकरी से साफ करेंगे तो लाभ होगा। इसके अलावा आप कभी कभार फिटकरी के पानी से स्नान भी कर सकते है। 

सात जन्म तक की सभी मनोकामनाएं हो जाएंगी पूर्ण और हर कार्य में मिलेगी सफलता जानिए यह दुर्लभ उपाय





वैदिक परंपरा में मंत्रोच्चारण का विशेष महत्व माना गया है।  अगर सही तरीके से मंत्रों का उच्चारण किया जाए तो यह जीवन की दिशा ही बदल सकते हैं।  लोग मंत्रों को सही तरीके से उच्चारित नहीं कर पाते और जब मनचाहा फल प्राप्त नहीं होता तो उनका विश्वास डगमगाने लगता है।  इसलिए आज मैं आपको एक ऐसा मंत्र बताने जा रही हूं जिसे सुनने या पढ़ने मात्र से आपकी समस्याओं का समाधान निकलने लगता है। 

शास्त्रों में ब्रह्मा जी को सृष्ष्टि का सृजनकार, महादेव को संहारक अौर भगवान विष्णु को विश्व का पालनहार कहा गया है।  हिंदू धर्म में विष्णु सहस्रनाम सबसे पवित्र स्त्रोतों में से एक माना गया है। 

इसमेें भगवान विष्णु के एक हजार नामों का वर्णन किया गया है।  मान्यता है कि इसके पढ़ने-सुनने से इच्छाएं पूर्ण होती है। ये स्त्रोत संस्कृत में होने से आम लोगों को पढ़ने में कठिनाई आती है इसलिए इस सरल से मंत्र का उच्चारण करके वैसा ही फल प्राप्त कर सकते हैं जो विष्णु सहस्रनाम के जाप से मिलता है
यह है अत्यन्त शक्तिशाली मन्त्र..

 '' नमो स्तवन अनंताय सहस्त्र मूर्तये, सहस्त्रपादाक्षि शिरोरु बाहवे.
 सहस्त्र नाम्ने पुरुषाय शाश्वते, सहस्त्रकोटि युग धारिणे नम:..''

जीवन में आने वाली किसी भी तरह कि बाधाओं से छुटकारा पाने के लिए प्रतिदिन सुबह इस मंत्र का जाप करें.

महाभारत के ‘अनुशासन पर्व’ में भगवान विष्णु के एक हजार नामों का वर्णन मिलता है।  जब भीष्म पितामह बाणों की शय्या पर थे उस समय युधिष्ठिर ने उनसे पूछा कि, “कौन ऐसा है, जो सर्व व्याप्त है और सर्व शक्तिमान है?” तब उन्होंने भगवान विष्णु के एक हजार नाम बताए थे। 

भीष्म पितामह ने युधिष्ठिर को बताया था कि हर युग में इन नामों को पढ़ने या सुनने से लाभ प्राप्त किया जा सकता है।  यदि प्रतिदिन इन एक हजार नामों का जाप किया जाए तो सभी मुश्किलें हल हो सकती हैं। 

विष्णु सहस्रनाम को अौर भी बहुत सारे नामों से जाना जाता है जैसे- शम्भु, शिव, ईशान और रुद्र. इससे ज्ञात होता है कि शिव अौर विष्णु में कोई अंतर नहीं है ये एक समान हैं। 

विष्णु सहस्रनाम के जाप में बहुत सारे चमत्कार समाएं हैं।  इस मंत्र को सुनने मात्र से संवर जाएंगे सात जन्म, सभी कामनाएं हो जाएंगी पूर्ण और हर दुख का हो जाएगा अंत। 

सात जन्म तक की सभी मनोकामनाएं हो जाएंगी पूर्ण और हर कार्य में मिलेगी सफलता जानिए यह दुर्लभ उपाय




वैदिक परंपरा में मंत्रोच्चारण का विशेष महत्व माना गया है।  अगर सही तरीके से मंत्रों का उच्चारण किया जाए तो यह जीवन की दिशा ही बदल सकते हैं।  लोग मंत्रों को सही तरीके से उच्चारित नहीं कर पाते और जब मनचाहा फल प्राप्त नहीं होता तो उनका विश्वास डगमगाने लगता है।  इसलिए आज मैं आपको एक ऐसा मंत्र बताने जा रही हूं जिसे सुनने या पढ़ने मात्र से आपकी समस्याओं का समाधान निकलने लगता है। 

शास्त्रों में ब्रह्मा जी को सृष्ष्टि का सृजनकार, महादेव को संहारक अौर भगवान विष्णु को विश्व का पालनहार कहा गया है।  हिंदू धर्म में विष्णु सहस्रनाम सबसे पवित्र स्त्रोतों में से एक माना गया है। 

इसमेें भगवान विष्णु के एक हजार नामों का वर्णन किया गया है।  मान्यता है कि इसके पढ़ने-सुनने से इच्छाएं पूर्ण होती है। ये स्त्रोत संस्कृत में होने से आम लोगों को पढ़ने में कठिनाई आती है इसलिए इस सरल से मंत्र का उच्चारण करके वैसा ही फल प्राप्त कर सकते हैं जो विष्णु सहस्रनाम के जाप से मिलता है
यह है अत्यन्त शक्तिशाली मन्त्र..

 '' नमो स्तवन अनंताय सहस्त्र मूर्तये, सहस्त्रपादाक्षि शिरोरु बाहवे.
 सहस्त्र नाम्ने पुरुषाय शाश्वते, सहस्त्रकोटि युग धारिणे नम:..''

जीवन में आने वाली किसी भी तरह कि बाधाओं से छुटकारा पाने के लिए प्रतिदिन सुबह इस मंत्र का जाप करें.

महाभारत के ‘अनुशासन पर्व’ में भगवान विष्णु के एक हजार नामों का वर्णन मिलता है।  जब भीष्म पितामह बाणों की शय्या पर थे उस समय युधिष्ठिर ने उनसे पूछा कि, “कौन ऐसा है, जो सर्व व्याप्त है और सर्व शक्तिमान है?” तब उन्होंने भगवान विष्णु के एक हजार नाम बताए थे। 

भीष्म पितामह ने युधिष्ठिर को बताया था कि हर युग में इन नामों को पढ़ने या सुनने से लाभ प्राप्त किया जा सकता है।  यदि प्रतिदिन इन एक हजार नामों का जाप किया जाए तो सभी मुश्किलें हल हो सकती हैं। 

विष्णु सहस्रनाम को अौर भी बहुत सारे नामों से जाना जाता है जैसे- शम्भु, शिव, ईशान और रुद्र. इससे ज्ञात होता है कि शिव अौर विष्णु में कोई अंतर नहीं है ये एक समान हैं। 

विष्णु सहस्रनाम के जाप में बहुत सारे चमत्कार समाएं हैं।  इस मंत्र को सुनने मात्र से संवर जाएंगे सात जन्म, सभी कामनाएं हो जाएंगी पूर्ण और हर दुख का हो जाएगा अंत। 

कारोबार में कामयाबी के लिए करें सरल उपाय




पांच टुकड़े फिटकरी, 6 नीले फूल और एक कमर में बांधने वाला बेल्ट नवमी के दिन देवी को चढ़ा दें। दसमी के दिन बेल्ट को किसी कन्या  को दे दें, नीले फूल बहते पानी में डालें और फिटकरी के टुकड़े को संभालकर रख लें।




शुक्रवार, 9 सितंबर 2016

व्यापार वृद्धि का सरल व सिद्ध उपाय












दुकान वह स्थान है जिससे व्यक्ति का जीवन चलता है। कई बार ऐसा होता है कि आप पूरी मेहनत से व्यापार को चलाने का प्रयास करते हैं फिर भी व्यापार में तरक्की नहीं मिल पाती इसका कारण ग्रहों की प्रतिकूल दशा ही नहीं वास्तुदोष भी हो सकता है।  अपनाएं कुछ उपाय-

* दुकान तिराहे या चौराहे पर होने से शुभ फल देती है।

* मुख्यद्वार बड़ा होना चाहिए और उसके ठीक सामने कोई भी बड़ा खम्भा, धारदार सीढ़ियां या पेड़ नहीं होना चाहिए।

* दुकान का गल्ला उत्तर दिशा में होना चाहिए। उसके ऊपर बीम नहीं होना चाहिए।

* दुकान की तिजोरी के पास महालक्ष्मी और गणेश की तस्वीर लगाएं। दुकान खोलकर साफ-सफाई करने के बाद गणेश जी की पूजा करें फिर लक्ष्मी जी की पूजा करके ही गद्दी पर बैठें। ऐसा करने से सदा बरकत बनी रहती है।

* क्रेडिट कार्ड मशीन और फोन को पूर्व दिशा में स्थान दें।

* ग्राहक जब दुकान में आएं तो उनका मुंह वेस्ट दिशा में होना चाहिए।

* दुकान के लिए सफेद रंग शुभता लेकर आता है। अत: दिवारों पर सफेद रंग करवाएं और अधिकतर चीजें सफेद रंग की ही प्रयोग करें। 

* कांच का प्रयोग अधिक से अधिक करें।

* दुकान पर जब भी कोई भिखारी अथवा जरूरतमंद आए उसे दुकान के गल्ले में से कुछ दान अवश्य दें।

घर में सुख-समृद्धि व धन-दौलत आती है. आइए जानें की कैसे---------




शास्त्रोनुसार के अनुसार झाडू घर में लक्ष्मी जी का सूचक है क्योंकि यह दरिद्रता को घर से बाहर निकालता है।  
1. नए घर में प्रवेश करने से पूर्व नया झाडू घर में लाना शुभ होता है और पुराना झाड़ू ले जाना अशुभ होता है। 
2. झाडू के ऊपर पांव नहीं रखना चाहिए इससे लक्ष्मी का अपमान या निरादर होता है। 
3. घर का कोई छोटा बच्चा अचानक घर में झाडू लगाने लगे तो उसे घर में किसी अनचाहे मेहमान के आने का संकेत समझें।
4. सूर्यास्त के उपरांत घर में झाडू नहीं लगाना चाहिए क्योंकि यह व्यक्ति के दुर्भाग्य को निमंत्रण देता है। 
5. नाश्ता करने से पूर्व झाड़ू अवश्य लगाएं। 
6. उलटा झाडू रखना अपशकुन माना जाता है.झाड़ू को हमेशा लेटाकर रखना चाहिए. झाड़ू को खड़ा करके रखने पर कलह होता है। 
7. अंधेरा होने के बाद घर में झाड़ू लगाने से लक्ष्मी नाराज होती है। 
8. घर का कोई सदस्य बाहर जाए तो तुरंत झाड़ू लगाना अशुभ होता है।  उस व्यक्ति को असफलता का सामना करना पड़ता है। 
9. झाड़ू को घर से बाहर या छत पर नहीं रखें क्योंकि ऐसा करने से घर में चोरी होने का भय होता है। 
10. झाड़ू प्रत्यक्ष रूप में न रखें बल्कि अप्रत्यक्ष रूप में छिपा कर रखें।  जिससे किसी को नजर न आए। 
जिस प्रकार धन को छुपाकर रखते हैं उसी प्रकार झाड़ू को भी घर में आने जाने वालों की नज़रों से दूर रखें. वास्तु विज्ञान के अनुसार जो लोग झाड़ू के लिए एक नियत स्थान बनाने की बजाय कहीं भी रख देते हैं उनके घर में धन का आगमन प्रभावित होता है।  इससे आय और व्यय में असंतुलन बना रहता है। आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। 
11. गाय या अन्य किसी भी जानवर को झाड़ू से मार कर घर से न भगाएं इससे महालक्ष्मी आपके घर से नाराज होकर चली जाती है। 
ध्यान रखें पूजा घर के ईशान कोण यानी उत्तर-पूर्वी कोने में झाडू व कूड़ेदान आदि नहीं रखना चाहिए। 
क्योंकि ऐसा करने से घर में नकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है और घर में बरकत नहीं रहती है।
इस तरह वास्तु दोष को दूर करे नमक के पानी का पौछा लगाकर ---
1.- सभी लोगों को घरों में साफ-सफाई के साथ ही पानी का पौंछा भी प्रतिदिन लगाया जाता है. पौंछा लगाते समय पानी की बाल्टी में थोड़ा सा सादा नमक या सेंधा नमक डाल देना चाहिए।  इस नमक मिले हुए पानी से ही पौंछा लगाना चाहिए।  ऐसा प्रतिदिन करें।  घर में पूरे फर्श पर ऐसे ही पानी से पौंछा लगाना चाहिए। 
2.- वास्तु के अनुसार नमक मिले हुए पानी का पौंछा लगाने से घर में फैली नकारात्मक ऊर्जा निष्क्रीय हो जाती है।  सकारात्मक ऊर्जा की बढ़ोतरी होती है। घर-परिवार के सदस्यों पर इसका शुभ प्रभाव पड़ता है। इसके साथ ही धन संबंधी कार्यों में जो रुकावटें आ रही हैं वे भी समाप्त हो जाती हैं। 
3.- प्रतिदिन नमक मिले हुए पानी से फर्श साफ किया जाएगा तो फर्श भी एकदम साफ रहेगा।  किसी भी प्रकार के कीटाणु पनपते नहीं हैं।  ठीक से सफाई न हो तो फर्श पर बीमारी फैलाने वाले सुक्ष्म कीटाणु पैदा हो सकते हैं। जो कि नमक मिले हुए पानी से नष्ट हो जाते हैं। इससे घर-परिवार के सदस्यों का स्वास्थ्य खराब होने की संभावनाएं बहुत कम हो जाती हैं। यदि घर में नकतात्मक्ता का वास है तो आप पञ्चगव्य  , फिटकरी और समुंद्री नमक के पानी से घर में पौछा लगवाये। और सभी लोग नहाते समय पञ्चगव्य , फिटकरी और समुंद्री नमक अपने पानी में मिला कर नहाये। स्नान के बाद  सरसों के तेल के  दीपक में 21 जोड़े लौंग डाल कर प्रज्जवलित करे ओर 21 बार  बजरंग बाण का पाठ करे।
शास्त्रोनुसार  इस उपाय के फलस्वरूप  को आप के घर की 70 प्रतिशत से अधिक नकारात्मक ऊर्जा घर से बाहर निकल जायेगी।
 इस परिणाम को 100 प्रतिशत करने के लिए पूजा के बाद प्रथम रोटी गौ माँ की निकाले कुत्ते और पक्षी की रोटी भी निकाले और भोजन करने से पूर्व रोटी  के तीन भाग तीनो को समर्पित करें।जिससे आपका कल्याण होगा। 

गुरुवार, 8 सितंबर 2016

कैसे बच सकते है आप वाहन दुर्घटना से और कैसे हो सकती आपकी यात्रा सुरक्षित जानिए यह दुर्लभ उपाय





गुरुपुष्य नक्षत्र में शुभ मुहूर्त में निकाली गई अपामार्ग (लटजीरा, आंधाझाड़ा) नामक पौधे की जड़ ले लें। इस जड़ को एक फिटकरी के टुकडे एवं एक कोयले के टुकडे के साथ एक काले वस्त्र में बांधकर उससे वाहन के चारों ओर दाहिने घूमते हुए 7 चक्कर लगाएं। यह एक प्रकार का उसारा करने के समान है। इसके पश्चात इस पोटली को वाहन में कहीं रख दें। ऐसा करने से वाहन दुरात्माओं से रक्षित रहता है तथा उसकी दुर्घटनाओं से भी रक्षा होती है। 

जानिए की एक कटोरी में क्या रखें की दूर हो जायेगी आपके घर की सारी नकारात्मक ऊर्जा




एक कटोरी में फिटकरी डालकर अपने घर के बाथरूम में रख दे, तथा इसे  एक महीन के पश्चात इस कटोरी में रखे फिटकरी को बदल दे।  इस उपाय द्वारा आपके  घर में फैली जितनी भी नकरात्मक ऊर्जा होगी वह उस कोटरी में डाली फिटकरी में समाहित हो जायेगी. तथा सदैव सकरात्मक ऊर्जा का आपके घर में स्थान बना रहेगा।

व्यापार में बरकत के लिए करें यह अचूक और प्रमाणित उपाय जो बदल सकता है आपकी किस्मत को







एक फिटकरी का छोटा सा टुकड़ा ले तथा इसे काले कपडे में बाँध ऑफिस अथवा अपने दूकान के प्रवेश द्वार पर लटका दे, इस उपाय द्वारा आपको व्यापार में लाभ होने लगेगा तथा बरकत आएगी.



रविवार, 4 सितंबर 2016

रात को एक बाल्टी पानी कहाँ रखने से खुल जाएंगे उन्नति के सारे रास्ते




रात को सोने से पहले घर की रसोई में एक बाल्टी पानी भरकर रख दे इससे कर्ज से मुक्ति मिलती है। इसी तरह यदि रात को बाथरूम में एक बाल्टी पानी भरकर रखेगे तो उन्नति के के रास्ते अपने आप खुलते चले जाएंगे।

फल के छिलके कूड़ेदान में फेकने के बजाय क्या करने से होगा तुरन्त धन लाभ



जब भी फल खाए तो उसके छिलके कूड़ेदान में फेकने के बजाय आप यह फल के छिलके किसी गाय अथवा अन्य जानवर को खिलाने से तुरन्त धन लाभ होने लगेगा।

शनिवार, 3 सितंबर 2016


घर की अन्य वस्तुओ की भांति झाडू का भी अपना महत्व है। झाडू केवल गंदगी ही साफ नहीं करता अपितु घर की दरिद्रता को भी दूर करता है। हिंदू धर्म में झाडू को देवी लक्ष्मी का सूचक माना जाता है। इससे संबंधित शकुन , अपशकुन व्यक्ति के जीवन को प्रभावित करते हैं। वास्तु के अनुसार झाडू से संबंधित कुछ मान्यताओ को अपनाने से परेशानियों से बचा जा सकता है।
 
 * हिंदू धर्म में झाडू को देवी लक्ष्मी का सूचक माना जाता है इसलिए झाडू पर पैर नहीं लगाना चाहिए। ऐसा करना देवी लक्ष्मी का अपमान माना जाता है  इससे आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ता है।
 
 * झाडू को सदैव ऐसे स्थान पर रखना चाहिए जहां किसी की दृष्टि न पड़े। 
 
 * वास्तुशास्त्र के अनुसार झाडू को इधर-उधर रखने से धन के आगमन में रुकावट पैदा होती है और आर्थिक समस्या का सामना करना पड़ता है। 
 
 * जिस प्रकार देवी लक्ष्मी को सम्मान दिया जाता है उसी प्रकार झाडू को भी देना चाहिए।
 
 * सूर्यास्त के पश्चात घर में झाडू नहीं लगाना चाहिए। ऐसा करने से लक्ष्मी रुष्ट हो जाती है।
 
 * झाडू को कभी भी खड़ा करके नहीं रखना चाहिए। इस प्रकार झाडू रखना अपशकुन माना जाता है इसलिए इसे लेटाकर रखेें।
 
 * शनिवार वाले दिन नई झाडू का उपयोग करना शुभ माना जाता है।
 
 * वास्तु के अनुसार टूटे हुए झाडू का उपयोग न करें। टूटी हुई झाडू से घर की सफाई करने से कई प्रकार की परेशानियों का आगमन होता है।
 
 * झाडू को पश्चिम दिशा के किसी कमरे में रखना अच्छा माना जाता है अौर इससे घर में नकारात्मक ऊर्जा भी नहीं आती है।

शनिदोष से मुक्ति के लिए शनिवार को पीपल की पूजा कैसे करें…


 पीपल वृक्ष को प्राचीनकाल से ही पवित्र माना गया है। ऐसा भी माना जाता है कि पीपल की नियमित पूजा से शनिदोष दूर होते हैं। पुराणों के अनुसार पीपल पूजन से सौभाग्य, वैभव, धन, आयु, संतान सुख भी प्राप्त होता है।
 

भागवत पुराण के अनुसार पीपल भगवान श्रीकृष्ण का ही रूप है। तो आइए जानते हैं कि शनिदोष से मुक्ति के लिए शनिवार को पीपल की पूजा कैसे करें…


 प्रत्येक शनिवार को नित्य कर्मों के निवृत्त होने के बाद स्वच्छ व श्वेत वस्त्र पहनें। पीपल की जड़ में केसर, चंदन, चावल, फूल मिला पवित्र जल अर्पित करें। तिल का तेल का दीपक जलाएं। यहां लिखे मंत्र का जप करें।

 

मंत्र-

 

आयु: प्रजां धनं धान्यं सौभाग्यं सर्वसम्पदम्।

देहि देव महावृक्ष त्वामहं शरणं गत:।

विश्वाय विश्वेश्वराय विश्वसम्भवाय विश्वपतए गोविन्दाय नमो नम:।

 से घर का वातावरण पवित्र होता है।

फिटकरी के कुछ सरल व अचूक उपाय जिनसे होंगे आपके सभी मनोरथ पूर्ण और बदलेगी आपकी किस्मत



पानी: परिवार के सदस्यों में झगड़े होते हों तो परिवार का मुखिया रात्रि को अपने पलंग के नीचे एक लोटा पानी रख दें और सुबह गुरुमंत्र अथवा ईष्टदेव के नाम का उच्चारण करके वह जल पीपल को चढ़ाएं। इससे पारिवारिक कलह दूर होंगे घर में शांति होगी।

फिटकरी से नजरदोषमुक्ति : जिस व्यक्ति को नज़र लगी हो उसे लिटाकर फिटकरी का टुकड़ा लेकर सिर से पांव तक सात बार उतारें। ध्यान रहे कि हर बार सिर से पांव तक ले जाकर टुकड़े को तलुवे से लगाकर फिर सिर से घुमाना शुरु करें। इस फिटकरी के टुकड़े को आग में डाल दें। जैसे- जैसे वह फिटकरी आग में जलेगी  वैसे- वैसे बुरी नजर का असर खत्म होता जाएगा।
धन प्राप्ति के लिए : रोज रात को सोते समय अपने दांत फिटकरी से साफ करेंगे तो लाभ होगा। इसके अलावा आप कभी कभार फिटकरी के पानी से स्नान भी करें।

कारोबार में कामयाबी : पांच टुकड़े फिटकरी, 6 नीले फूल और एक कमर में बांधने वाला बेल्ट नवमी के दिन देवी को चढ़ा दें। दसमी के दिन बेल्ट  को किसी कन्य को दे दें, नीले फूल बहते पानी में डालें और फिटकरी के टुकड़े को संभालकर रख लें।

साक्षात्कार देने जाते समय ये टुकड़े अपने पास रखेंगे तो सफलता मिलेगी। दूसरा यह कि कारोबार से जुड़े किसी महत्वपूर्ण कार्य से जा रहे हैं तो ये फिटकरी के टुकड़े अपने पास रखेंगे तो अवश्य सफलता मिलेगी।
 
 ऋण मुक्ति हेतु : एक पान के पत्ते पर थोड़ी सी फिटकरी और सिंदूर बांधकर बुधवार की सुबह या शाम को पीपल के पेड़ के नीचे किसी बड़े पत्थर से दबा दें। यह कार्य तीन बुधवार करेंगे तो लाभ मिलेगा।  
 

दुर्घटना  से बचने के लिए : गुरुपुष्य नक्षत्र में शुभ मुहूर्त में निकाली गई अपामार्ग (लटजीरा, आंधाझाड़ा) नामक पौधे की जड़ ले लें। इस जड़ को एक फिटकरी के टुकडे एवं एक कोयले के टुकडे के साथ एक काले वस्त्र में बांधकर उससे वाहन के चारों ओर दाहिने घूमते हुए 7 चक्कर लगाएं। यह एक प्रकार का उसारा करने के समान है। इसके पश्चात इस पोटली को वाहन में कहीं रख दें। ऐसा करने से वाहन दुरात्माओं से रक्षित रहता है तथा उसकी दुर्घटनाओं से भी रक्षा होती है।

लक्ष्मी जी के 10 चमत्कारिक मंत्र जो बदल सकते है आपकी किस्मत

आज के युग में धन की आवश्यकता किसे नहीं होती। यदि हम किसी सही मंत्र से भगवान को नमस्कार करें तो लक्ष्मी कृपा होती है, तो जानिए ऐसे 10 चमत्कारी नमस्कार मंत्र जिनके जाप से प्राप्त होगा धन...


निम्न में से किसी भी 1 मंत्र का चयन करके सुबह, दोपहर और रात्रि को सोते समय 5-5 बार नियम से उसका स्तवन करें। मातेश्वरी लक्ष्मीजी आप पर परम कृपालु बनी रहेंगी।
लक्ष्मी जी के 10 चमत्कारिक मंत्र -


मंत्र


* ॐ धनाय नम:
* ॐ धनाय नमो नम:
* ॐ लक्ष्मी नम:
* ॐ लक्ष्मी नमो नम:
* ॐ लक्ष्मी नारायण नम:
* ॐ नारायण नमो नम: 
*  ॐ नारायण नम: 
* ॐ प्राप्ताय नम: 
* ॐ प्राप्ताय नमो नम:
* ॐ लक्ष्मी नारायण नमो नम:।

किस दिन के चंद्र दर्शन से लगता है झूठा कलंक और कैसे मिलेगी आपको इससे मुक्ति जानिए यह उपाय

भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि  को कलंक चतुर्थी भी कहा जाता है।   इस दिन चंद्रमा के दर्शन पूर्ण रूप से वर्जित हैं और यही दिन गणेश जी का जन्मदिन भी होता है। इसी दिन से भगवान विनायक का जन्मोत्सव भी शुरू होता है। लेकिन एक तरफ उत्सव और दूसरी तरफ कलंक बात समझ में नहीं आती।

ऐसा क्या कारण है  क्यों न करें चन्द्र दर्शन जबकि रोज चन्द्रमा देख सकते हैं देखते भी हैं। तो फिर भाद्रपद की गणेश चतुर्थी को धूमधाम से गणेश जी की पूजा तो होगी लेकिन चन्द्र दर्शन नहीं। जबकि चंद्रमा गजानन के पिता शिवजी के मस्तक पर विराजमान हैं। आज हम आपको यही बताने जा रहे हैं कि भाद्रपद की गणेश चतुर्थी के दिन क्यों चन्द्र दर्शन नहीं करना चाहिए और अगर चांद दिख ही जाए तो क्या करना चाहिए। मोटेतौर पर कहेंगे कि ऐसी शास्त्रीय मान्यता है कि इस दिन चंद्रमा के दर्शन से मनुष्य को निश्चय ही झूठा कलंक लगता है। कलंक भी ऐसा कि भाई-भाई में बैर करा दे  पिता-पुत्र को बैरी बना दे, मा-बेटे में विभेद करा दे, भाई-बहन में रार छिड़ जाए और सब कुछ गड़बड़ हो जाए।

गणेश ने दिया था चंद्रमा को श्राप-

भगवान गणेश को गज का मुख लगाया गया तो वे गजवदन कहलाए और माता-पिता के रूप में पृथ्वी की सबसे पहले परिक्रमा करने के कारण अग्रपूज्य हुए। सभी देवताओं ने उनकी स्तुति की पर चंद्रमा मंद-मंद मुस्कुराता रहा। उसे अपने सौंदर्य पर अभिमान हो रहा था। गणेशजी समझ गए कि चंद्रमा अभिमान वश उनका उपहास कर रहा है। क्रोध में आकर भगवान श्रीगणेश ने चंद्रमा को श्राप दे दिया कि- आज से तुम काले हो जाओ। अब चंद्रमा को अपनी भूल का अहसास हुआ। उसने श्रीगणेश से क्षमा मांगी तो गणेशजी ने कहा सूर्य के प्रकाश को पाकर तुम एक दिन पूर्ण होओगे यानी पूर्ण प्रकाशित होंगे। लेकिन आज का यह दिन तुम्हें दंड देने के लिए हमेशा याद किया जाएगा। इस दिन को याद कर कोई अन्य व्यक्ति अपने सौंदर्य पर अभिमान नहीं करेगा। जो कोई व्यक्ति आज यानी भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी के दिन तुम्हारे दर्शन करेगा, उस पर झूठा आरोप लगेगा। इसीलिए भाद्रपद माह की शुक्ल चतुर्थी को चंद्र दर्शन नहीं किया जाता।

भगवान श्रीकृष्ण पर भी लगा था चोरी का झूठा आरोप-

सत्राजित् नाम के एक यदुवंशी ने सूर्य भगवान को तप से प्रसन्न कर स्यमंतक नाम की मणि प्राप्त की थी। वह मणि प्रतिदिन स्वर्ण प्रदान करती थी। उसके प्रभाव से पूरे राष्ट्र में रोग, अनावृष्टि यानी बरसात न होना, सर्प, अग्नि, चोर आदि का डर नहीं रहता था। एक दिन सत्राजित् राजा उग्रसेन के दरबार में आया। वहां श्रीकृष्ण भी उपस्थित थे। श्रीकृष्ण ने सोचा कि कितना अच्छा होता यह मणि अगर राजा उग्रसेन के पास होती। किसी तरह यह बात सत्राजित् को मालूम पड़ गई। इसलिए उसने मणि अपने भाई प्रसेनजित को दे दी। एक दिन प्रसेनजित शिकार खेलने जंगल गया। वहां सिंह ने उसे मार डाला। जब वह वापस नहीं लौटा तो लोगों ने यह आशंका उठाई कि श्रीकृष्ण उस मणि को चाहते थे। इसलिए सत्राजित् को मारकर उन्होंने ही वह मणि ले ली होगी। लेकिन मणि सिंह के मुंह में रह गई। जामवन्त ने शेर को मारकर मणि ले ली। जब श्रीकृष्ण को यह मालूम पड़ा कि उन पर झूठा आरोप लग रहा है तो वे सच्चाई की तलाश में जंगल गए। वहां श्रीकृष्ण का जामवन्त से युद्ध हुआ। अंत में श्रीकृष्ण के राम के रूप में दर्शन देकर जामवन्त के शक का निवारण किया तब जामवन्त ने मणि श्रीकृष्ण को दी। और श्रीकृष्ण ने अपने ऊपर लगे आरोप का परिहार मणि लौटा कर किया।

तब नहीं लगेगा दोष

ऐसा माना जाता है कि श्रीकृष्ण के इस प्रसंग को सुनने-सुनाने से भाद्रपद मास की चतुर्थी को भूल से चंद्र-दर्शन होने का दोष नहीं लगता।

चंद्र दर्शन होने पर करना चाहिए इस मन्त्र का जाप-

सिंह: प्रसेन मण्वधीत्सिंहो जाम्बवता हत:।

सुकुमार मा रोदीस्तव ह्येष: स्यमन्तक:।।

इस मंत्र के प्रभाव से कलंक नहीं लगता है।

जो मनुष्य झूठे आरोप-प्रत्यारोप में फंस जाए, वह इस मंत्र को जपकर आरोप मुक्त हो सकता है।

वक्रतुण्ड महाकाय सुर्यकोटि समप्रभ निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा !!

गणपती बाप्पा मोरया !! !! मंगलमुर्ती मोरया

एक अन्य पौराणिक कथा के अनुसार एक दिन कैलाश पर ब्रह्म देव महादेव के दर्शन के लिए गए तभी वहां देवर्षि नारद ने प्रकट होकर अतिस्वादिष्ट फल भगवान शंकर को अर्पित किया। तभी कार्तिकेय व गणेश दोनों महादेव से उस फल की मांग करने लगे। तब ब्रह्म देव ने महादेव को परामर्श देते हुए कहा के फल को छोटे षडानन अर्थात कार्तिकेय को दे दें। अत: महादेव ने वह फल कार्तिकेय को दे दिया। इससे गजानन ब्रह्म देव पर कुपित होकर उनकी सृष्टि रचना के कार्य में विध्न ड़ालने लगे। गणपति के उग्र रूप के कारण ब्रह्म देव भयभीत हो गए। इस दृश्य को देखकर चंद्र देव हंस पड़े। चंद्रमा की हंसी सुन कर गणेश जी क्रोधित हो उठे तथा उन्होंने चंद्र को श्राप दे दिया। श्राप के अनुसार चंद्र देव किसी को देखने के योग्य नहीं रहे तथा किसी द्वारा देखे जाने पर वह व्यक्ति पाप का भागी हो जाता। श्रापित चंद्र ने बारह वर्ष तक गणेश जी का तप किया जिससे गणपति जी ने प्रसन्न होकर चंद्र देव के श्राप को मंद कर दिया तथा मंद श्राप के अनुसार भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी जो व्यक्ति चंद्रमा को देखता है, वह निश्चय ही अभिशाप का भागी होता है तथा उस पर मिथ्यारोपण लगते हैं।

भगवान श्री कृष्ण पर द्वारकापुरी में सूर्य भक्त सत्राजित ने स्यमंतक मणि की चोरी का आरोप लगाया था। स्वयं श्रीकृष्ण ने भागवत में इसे “मिथ्याभिशाप” कहकर मिथ्या कलंक का ही संकेत दिया था। देवर्षि नारद ने भी श्रीकृष्ण को भाद्रपद शुक्लपक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन चंद्र दर्शन करने के फलस्वरूप व्यर्थ कलंक लगने की बात कही थी। नारद पुराण के अनुसार ये श्लोक इस प्रकार है – “त्वया भाद्रपदे शुक्लचतुर्थ्यां चन्द्रदर्शनम्। कृतं येनेह भगवन्! वृथा शापमवाप्तवान्”।

स्कंदपुराण में श्रीकृष्ण ने स्वयं कहा है कि भादव के शुक्लपक्ष के चंद्र दर्शन मैंने गोखुर के जल में किया जिसके फलस्वरूप मुझ पर मणि की चोरी का कलंक लगा “मया भाद्रपदे शुक्लचतुर्थ्यां चंद्रदर्शनं गोष्पदाम्बुनि वै राजन् कृतं दिवमपश्यता”।

भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी को चंद्रदर्शन से कलंक लगने के शमन हेतु विष्णुपुराण में वर्णित स्यमंतक मणि का उल्लेख है जिसके सुनने या पढऩे से यह दोष समाप्त होता है।

एक समय देवताओं  ने एक सभा का आयोजन किया ।उसमे सभी देवताओं को आमंत्रित किया गया था ।सभी देवगण समय से सभा में पहुच गए ,लेकिन गणेशजी अभी तक नहीं पहुचे थे । उनका इंतजार हो रहा था, कि गणेशजी दोड़ते-दोड़ते सभा में पहुचे क्योकि एक तो उनकी सवारी एक बेचारा छोटा सा चूहा और गणेशजी इतने भारी भरकम  गणेशजी जी की यह दशा देखकर चंद्रमा को हँसी आ गई ।इस पर गणेशजी को गुस्सा आ गया और उन्होंने चंद्रमा को श्राप दे दिया “कि आज से जी भी तुम्हें देखेगा उस पर चोरी का इल्जाम लगेगा ।अब ये सब सुनकर सारे देवता हैरान रह गये की ऐसा कैसे हो सकता है चंद्रमा तो रोज रात में उदय होता है और रोज सब लोग इसे देखेगे तब तो सारी दुनिया ही कलंकित हो जाएगी ।

अब सभी देवताओ ने मिलकर गणेशजी से प्रार्थना की “कि प्रभु अगर ऐसा हुआ तो चंद्रमा कभी उदय नहीं होगा और यदि उदय हुआ तो सारी दुनिया ही कलंकित हो जाएगी । जब गणेशजी का गुस्सा शांत हुआ तो वे बोले “कि श्राप तो वापस नहीं हो सकता लेकिन मैं इसे कम कर सकता हूँ ।भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को मेरा जन्म दिन आता है उस दिन जो चंद्रमा को देखेगा उसे कलंक जरूर लगेगा “।

देवताओं ने कहा ठीक है फिर पूछा “कि इससे बचने का कोई उपाय है प्रभु “।तब गणेशजी बोले “कि मेरी जन्म तिथि से पहले जो दूज तिथि आती है उस दिन चाँद के दर्शन कर लेगा उस पर इस श्राप का असर नहीं पड़ेगा “। इस प्रकार गणेशजी के श्राप की वजह से ही गणेश चतुर्थी के दिन चंद्र दर्शन निषेध माना जाता है ।