ऐश्वर्य की देवी महालक्ष्मी की पूजा न केवल धनवान व समृद्ध बनाती है। बल्कि यश प्रतिष्ठा के साथ शांति ,पवित्रता ,शक्ति व बुद्धि भी देने वाली मानी गई है। धन प्राप्ति के लिए किये जाने वाले तंत्र प्रयोगों में कई वस्तुओ का प्रयोग किया जाता है।
लक्ष्मी जी के धनदायक मन्त्रो के जप कमलगट्टे की माला से करते है।
शुक्रवार को देवी लक्ष्मी की सुबह और शाम दोनों वक्त स्नान के बाद यथा संभव लाल वस्त्र पहन ,लाल पूजा सामग्रियो से पूजा करे।
देवी की चांदी या किसी भी धातु की बनी प्रतिमा को दूध दही ,घी शक्कर और शहद से बने पन्चामृत व पवित्र जल से स्नान कराने के बाद लाल चंदन ,कुमकुम, लाल अक्षत ,कमल ,गुलाब या गुड़हल का फूल चढ़ाकर घर में बनी दूध की खीर का भोग लगाए पूजा के बाद नीचे लिखे मंत्र का जप लाल आसन पर कमलगट्टे की माला से कम से कम १०८ बार जप करें -
मंत्र
ॐ ही क्लीं श्रीं
पूजा व मंत्र जप के बाद माता लक्ष्मी की आरती करे प्रसाद ग्रहण करें व माता को चढ़ाया थोड़ा सा कुमकुम कागज में बांध तिजोरी में रखे।
उपाय -
यदि रोज १०८ कमल के बीजो से आहुति दें और ऐसा २१ दिन करे तो आने वाली कई पीढ़ियां सम्पन्न बनी रहती है।
यदि दुकान में कमल गट्टे की माला विछाकर उसके ऊपर लक्ष्मी जी का चित्र स्थापित किया जाए व्यापार निरंतर उन्नति की ओर अग्रसर होता है।
कमल गट्टे की माला लक्ष्मी के चित्र पर पहना कर किसी नदी या तालाब में विसर्जित करें तो उसके घर में निरंतर लक्ष्मी का आगमन बना रहता है।
जो व्यक्ति प्रत्येक बुधवार को १०८ कमलगट्टे के बीज लेकर घी के साथ एक -एक करके अग्नि में १०८ आहुतियां देता है। उसके घर में दरिद्रता हमेशा के लिए चली जाती है।
जो व्यक्ति पूजा -पाठ के दौरान कमलगट्टे की माला अपने गले में धारण करता है। उस पर लक्ष्मी की कृपा सदा बनी रहती है।
शुक्रवार के दिन देवी उपासना के विशेष दिन कमलगट्टे की माला से अलग -अलग रुपो में लक्ष्मी मंत्र जप देवी लक्ष्मी की कृपा से धन ,ऎश्वर्य व यश पाने का अचूक उपाय माना गया है।
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