रविवार, 10 जुलाई 2016

गीता का कौन सा श्लोक पढ़ने से होगी धनवृद्धि और व्यवसाय में उन्नति जानिए यह चमत्कारी उपाय




       व्यापार की उन्नति के सभी मार्ग अवरुद्ध हों जाए और काम काज ठप पड़ता चला जाए ऎसे में जब भी किसी व्यापारिक यात्रा के लिए जाएं सवा ग्यारह रूपये किसी गुप्त स्थान पर रखकर जाएं। यात्रा से आने के पश्चात वह रूपये निकालकर किसी भी मंदिर में चढ़ा दे। व्यापार में आशचर्यजनक प्रभाव आप स्वंम ही महसूस करेंगे।

यदि आप का व्यवसाय बहुत कम चल रहा है तो महीने के प्रथम गुरुवार को पीले वस्त्र में काली हल्दी व ग्यारह गोमती चक्र एक चांदी का सिक्का और कौड़ियां बांधकर १०८ बार          ओम नमो भगवते वासुदेवाय नमः          मंत्र का जाप करके अपने व्यवसाय स्थल में धन रखने के स्थान पर रखें।

व्यवसाय की गति यदि मंद पड़ गयी है तो स्फटिक की माला से        श्री लक्ष्मी भगवती नमो नमः      की पाँच माला का जाप आप अपने घर के मंदिर में भी कर सकते है।

प्रतिदिन प्रातः काल स्नानादि के पश्चात श्रीमद भगवत गीता के ग्यारहवें अध्याय का पाठ या ग्यारहवें अध्याय के ३६ वें श्लोक को सफेद कागज पर लाल स्याही से लिखकर टांग देने से व्यापार में आने वाली सभी बाधाएं समाप्त हो जाती है। व्यापार पूर्ण रूप से चलना बंद हो जाए तो ऎसे में   काली बिल्ली की जेर   को पूर्ण श्रद्धा के साथ धूप दीप दिखाकर अपनें गल्लें में रखें। इस प्रयोग से ना केवल धनवृद्धि होगी अपितु आपका व्यापार भी अप्रत्याशित रूप से चलने लगेगा।








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