बुधवार, 15 जून 2016

घर में देवी देवतओं के पूजन के समय ये बाते ध्यान रखने पर नहीं होगी धन हानि और आपको प्राप्त होगा धन और ऐश्वर्य की प्राप्ति का सरल उपाय





पूजन के समय कुछ आसान से नियम शास्त्रों में वर्णित है जिनके द्वारा हम पूजा करके मनचाहा फल प्राप्त कर सकते है। कई बार हम दिनरात ईश्वर का स्मरण करते है लेकिन फल नहीं मिलता है क्योकि जानकारी न होने पर हम कुछ गलतियां कर जाते है। हालांकि ईश्वर सिर्फ भाव चाहते है किंतु सच्चे मन के साथ अगर कुछ नियमों का पालन भी कर सकते है तो तत्काल लाभ मिलता है -
     शिव जी को विल्व पत्र ,विष्णु को तुलसी ,गणेश जी को हरी दूर्वा ,दुर्गा को अनेक प्रकार के पुष्प और सूर्य को कनेर के पुष्प प्रिय है। शिव जी को सदाबहार पुष्प ,विष्णु को धतूरा और देवी को आक के पुष्प नहीं चढ़ाए जाते विष्णु को चावल ,गणेश जी को तुलसी ,देवी को दूर्वा ,सूर्य को विल्व पत्र नहीं चढ़ाना चाहिए। लाल से सफ़ेद और सफ़ेद से नीला कमल भगवान को अत्यधिक प्रिय है।

देवतायों को पूजन में अनामिका से गंध लगाना चाहिए।
घी का दीपक दाई ओर तेल का दीपक बाई ओर रखना चाहिए।
पुष्प हाथ में और चंदन ताम्र पत्र में रखें।
जल \पात्र \घंटा \धूपदानी आदि बाई ओर रखना चाहिए।
शंख को जल में डुबना और पृथ्वी पर रखना वर्जित है। शंख में चंदन और फूल छोड़ना चाहिए।
भगवान के आगे जल का चौकोर घेरा बनाकर नैवेघ रखे और देवी के दाई ओर नैवेघ रखना चाहिए।
सभी देवताओं को सात ,पांच य तीन बार प्रणाम करना चाहिए।
एक दीपक से दूसरा दीपक नहीं जलाना चाहिए।
पूजन में किसी सामग्री की कमी होने पर उस स्थान पर अक्षत ,फूल चढ़ा दें। शास्त्रों में पूजा को हजार गुना फलदायी बनाने के लिए एक उपाय बतलाया गया है ,वह है ''मानस पूजा ''कल्पना द्वारा हर प्रकार की सुंदर पूजन से भी भगवान प्रसन्न होते है।

घर में पूर्व की ओर मुख करके दीपक रखने से वह आयु देता है ,उत्तर की ओर धन ,पश्चिम की ओर दुःख और दक्षिण की ओर मुख करके रखने से हानि देता है।



1 टिप्पणी:

  1. घी का दीपक दाई ओर तेल का दीपक बाई ओर रखना चाहिए। भगवान के या अपनी दाई ओर

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