शुक्रवार, 17 जून 2016

शनिवार के दिन शनिदेव की विशेष पूजा एवं शनि की महादशा को दूर करने का चमत्कारी उपाय



शनिवार का व्रत यू तो आप वर्ष के किसी भी शनिवार के दिन शुरु कर सकते है इस व्रत का पालन करने वाले को शनिवार के दिन प्रातः ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करके शनिदेव की प्रतिमा की विधि सहित पूजन करनी चाहिए।
    शनिवार के दिन शनिदेव की विशेष पूजा होती है। शहर के हर छोटे बड़े शनि मंदिर में सुबह ही आपको शनि भक्त देखने को मिलते है।
शनि भक्तो को मंदिर में जाकर शनि देव को नीले लजवंती का फूल ,तिल ,तेल ,गुड़ ,अर्पण करना चाहिए। शनिदेव के नाम से दीपोत्सर्ग करना चाहिए। शनिदेव की पूजा के बाद उनसे अपने अपराधों की क्षमा मागे जो की जाने -अनजाने में आप से हुए है।
 शनि देव के बाद राहु व केतु की पूजा करें।
इस दिन पीपल पर जल देंऔर कच्चे सूत्र से सात बार परिक्रमा करें।
शनि की शांति के लिए नीलम पहने।
शनिवार को शनि मंदिर में संध्या के समय दीपक जलाए एवं उरददाल की खिचड़ी का भोग लगाए और प्रसाद के रुप में खाये।
सूर्य पुत्र शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए काली चीटियों को गुड़ एवं आटा खिलाएं। इस दिन काले कपड़े पहनें।
इस प्रकार शनिदेव का व्रत एवं पूजन श्रद्धा पूर्वक करने से शनिदेव का कोप शांत होता है और शनि की महादशा के समय भी कष्ट नहीं होता है।

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